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राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक: होटल एवं टूर ऑपरेटरों को एसजीएसटी में राहत सहित लिए कई निर्णय

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Rajasthan CM Ashok Gehlot says no examinations for undergraduate and postgraduate courses this year.

जयपुर(Rajasthan News)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद (Cabinet Meeting)की बैठक में लॉकडाउन (Lockdown)से प्रभावित 35 लाख जरूरतमंद परिवारों को एक हजार रूपए अनुग्रह राशि एक बार और देने का निर्णय किया है। इस पर 351 करोड़ रूपए खर्च होंगे। साथ ही, बैठक में पर्यटन एवं इससे जुडे़ उद्योगों को संबल देने के उद्देश्य से वित्तीय एवं गैर वित्तीय राहत उपायों का अनुमोदन किया गया। मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति, कृषि, सहकारिता से जुडे़ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिए।
बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से प्रभावित हुए 35 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय तथा भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक जिन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है तथा निराश्रित, असहाय, स्ट्रीट वेंडर्स सहित जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सम्बल एवं तात्कालिक राहत देने के लिए एक हजार रूपए की अनुग्रह राशि एक बार और देने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया। इससे आजीविका की परेशानी झेल रहे इन परिवारों को राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने पूर्व में भी लॉकडाउन के दौरान इन परिवारों को 2500 रूपए की अनुग्रह राशि दी थी।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि कोविड-19 महामारी के कारण पर्यटन एवं होटल व्यवसाय व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। यह सेक्टर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। साथ ही इस क्षेत्र से लाखों लोगों की आजीविका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। मंत्रिपरिषद ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत पर्यटन, होटल एवं मल्टीप्लेक्स सेक्टर की इकाइयों को एक वर्ष के लिए अतिरिक्त लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत वे इकाइयां पात्र होंगी, जो अपनी गतिविधि एक जुलाई, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 के बीच प्रारम्भ करेंगी और साथ ही जिनकी पात्रता अवधि 31 दिसम्बर, 2019 के बाद भी शेष है।
होटल एवं टूर ऑपरेटरों को एसजीएसटी में राहत
पैकेज के अंतर्गत पर्यटन उद्योग (होटल एवं टूर ऑपरेटरों) द्वारा देय एवं जमा एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की अवधि को तीन माह से आगे बढ़ाकर अब एक वर्ष (1 अप्रेल, 2020 से 31 मार्च, 2021) तक किया गया है। रिप्स में पर्यटन सेक्टर को अति प्राथमिकता क्षेत्र (थ्रस्ट सेक्टर) के रूप में शामिल किया जाएगा, इस प्रावधान से इस सेक्टर को रिप्स-2019 में देय सामान्य लाभ के अलावा ब्याज अनुदान और पूंजीगत अनुदान का अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा।
सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराया एकमुश्त जमा कराने पर उद्योगों को ब्याज में 100 फीसदी छूट
मंत्रिपरिषद् ने उद्योगों को राहत देने के लिए रीको के माध्यम से करीब 220 करोड़ रूपए के राहत पैकेज का भी अनुमोदन किया है। इसके तहत 31 दिसम्बर, 2020 तक सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराए की राशि एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत की छूट, आवंटित भूखण्ड पर गतिविधि प्रारम्भ करने के लिए दी गई अवधि में हुई देरी के नियमितिकरण पर लगने वाले प्रभार में छूट मिल सकेगी।

इसी प्रकार जिन भूखण्डों पर गतिविधि प्रारम्भ करने की अवधि एक मार्च, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 तक समाप्त हो रही है, उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त समय देने पर लगने वाले प्रभार में छूट दी जाएगी। सफलतम बोलीदाता को भूमि की कीमत की 25 प्रतिशत राशि जमा करवाने के लिए ब्याज रहित एवं ब्याज सहित समयावधि बढ़ाने, भूमि की बकाया 75 प्रतिशत प्रीमियम राशि 120 दिन में जमा करवाने के लिए 90 दिन की अतिरिक्त ब्याज रहित समय वृद्धि, इस प्रीमियम राशि को किस्तों में भुगतान की समय सारिणी में अतिरिक्त समय वृद्धि एवं ब्याज में छूट 31 दिसम्बर, 2020 तक के लिए दी जाएगी।

रीको के राहत पैकेज से 29 हजार परिवारों को मिल सकेगा लाभ
लीज डीड निष्पादित कराने की 90 दिन की अवधि में बिना शास्ति के अतिरिक्त समय वृद्धि, वर्षा जल पुनर्भरण संरचना निर्माण नहीं किए जाने की स्थिति में एकमुश्त देय शास्ति की राशि में छूट, आवंटित भूखण्ड का भौतिक कब्जा लिए जाने की अवधि में वृद्धि, भूखण्ड के उप विभाजन तथा हस्तांतरण पर लगने वाले शुल्क में छूट, रीको के द्वारा नीलामी के माध्यम से आवंटित किए जाने वाले भूखण्डों की 75 प्रतिशत बकाया राशि जमा करवाने के लिए वर्तमान में 3 या 7 किस्तों के स्थान पर 11 किस्तों की सुविधा प्रदान करते हुए ब्याजदर में 3 प्रतिशत की कमी के प्रावधान शामिल हैं। इन प्रावधानों से करीब 29 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।
सिटी बसों एवं ऑटो रिक्शा का संचालन शुरू होगा
मंत्रिपरिषद ने आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य सावधानियों के साथ  पुनः संचालित करने का निर्णय लिया। इसके तहत प्रदेश में सिटी बसों एवं ऑटोरिक्शा का संचालन शुरू हो सकेगा और आमजन को आवागमन में सुविधा होगी।
विधायक अब 1.25 करोड़ रूपए स्थानीय आवश्यकताओं पर खर्च कर सकेंगे
बैठक में निर्णय किया गया कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में प्रतिवर्ष मिलने वाली सवा दो करोड़ रूपए की राशि में से विधायक आगामी दो वर्ष तक चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर प्रतिवर्ष एक करोड़ रूपए तथा शेष सवा करोड़ रूपए स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कायोर्ं पर खर्च कर सकेंगे। पूर्व में विधायक कोष की सम्पूर्ण राशि दो वर्ष तक चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर खर्च करने का निर्णय किया गया था। मंत्रिपरिषद ने इसमें संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
कोविड-19 में जरूरतमंदों को 5500 करोड़ की सहायता
बैठक में बताया गया कि कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न उपायों के तहत जरूरतमंद लोगों को 5500 करोड़ रूपए से अधिक की सहायता प्रदान की है। इसके तहत 854 करोड़ रूपए से करीब 31 लाख जरूरतमंद परिवारों को प्रति परिवार 2500 रूपए की अनुग्रह राशि दी गई। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में करीब 4300 करोड़ रूपए का अग्रिम भुगतान कर 79 लाख लोगों को राहत देने जैसे कदम शामिल हैं।
राष्ट्रीय औसत से कम है राज्य में मृत्यु दर
कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श करते हुए मंत्रिपरिषद ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राष्ट्रीय औसत 2.45 प्रतिशत की तुलना में प्रदेश में इस बीमारी से मृत्यु दर 1.87 प्रतिशत ही है। साथ ही रिकवरी दर भी बेहतर है। राज्य में लगातार जांच क्षमता बढ़ाते हुए अब तक 12 लाख 44 हजार नमूने लिए जा चुके हैं। प्रदेश में केस दोगुना की दर 28 दिवस है, जबकि राष्ट्रीय औसत दर 20 दिन है। इसी तरह पॉजिटिविटी दर राष्ट्रीय दर 7.95 के मुकाबले केवल 2.36 है। राजस्थान प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 14 हजार 770 टेस्ट औसत के साथ बडे़ राज्यों में सबसे आगे है। राज्य में कोरोना से निपटने के लिए 27 टेस्टिंग लैब, एक लाख क्वारेंटीन बैड, 43 हजार आईसोलेशन बैड, 880 वेंटीलेंटर, 1700 आईसीयू बैड का मजबूत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। राज्य में कोरोना के बेहतर प्रबंधन की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर भी की गई है।
टिड्डी चेतावनी संगठन को मजबूत बनाए केन्द्र सरकार
बैठक में प्रदेश में टिड्डी नियंत्रण के लिए किए गए उपायों पर चर्चा के दौरान बताया गया कि इस वर्ष 32 जिलों में करीब 4 लाख 33 हजार हैक्टेयर क्षेत्र टिड्डी से प्रभावित हुआ है। करीब 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी का नियंत्रण किया गया है। खरीफ सीजन में टिड्डी आक्रमण की संभावना के मद्देनजर टिड्डी नियंत्रण को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन को मजबूत बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2884 करोड़ के राज्यांश का भुगतान
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर चर्चा के दौरान बताया गया कि जनवरी, 2019 से अब तक राज्य सरकार ने 2884 करोड़ रूपए के राज्यांश का भुगतान किया है। इससे प्रदेश के  44 लाख 58 हजार किसानों को 6267 करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का भुगतान सम्भव हो सका। कोरोना जैसे संकट के समय में भी राज्य सरकार ने 17 लाख 11 हजार किसानों को 2813 करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का भुगतान करवाया है। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में केन्द्र सरकार ने विभिन्न संशोधन किए हैं, जिनसे कई जिलों में किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए भी प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री की ओर से पत्र लिखा जाएगा।
7186 करोड़ के अल्पकालीन फसली ऋण वितरित
बैठक में बताया गया कि खरीफ, 2020 के तहत 20 जुलाई तक 23 लाख से अधिक किसानों को 7 हजार 186 करोड़ रूपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया जा चुका है।


source https://hellorajasthan.com/news/rajasthan/98957/
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