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Handwara Encounter : शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी ने कहा- शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी…सम्मान करुंगी उनकी शहादत का

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जयपुर। जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir)के हंदवाड़ा (Handwara Encounter) में आंतकियों की गिरफत से स्थानीय लोगों को छुड़ाने के बाद सेना के 5 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। जिसमें सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा (Col Ashutosh Sharma) भी शामिल है। इसकी सूचना पाकर राजस्थान में परिजनों के साथ कर्नल शर्मा की पत्नी पल्लवी ने इस शहादत पर साहस और देश प्रेम का जज्बा दिखाते हुए कहा कि ‘‘ मुझे उन पर गर्व है देश की रक्षा में उन्होेने प्राण न्यौछावर किए है। उनकी शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी, बल्कि सम्मान करुंगी। बुजुर्ग मां की आंखें भी नम हैं पर बहादुर बेटे के सम्मान में आंसू बाहर नहीं निकले कि कहीं वो नाराज न हो जाए। पल्लवी ने बताया कि वर्दी ही आशुतोष का सपना थी और उनका संसार। उन्हें उसी पर गुमान था”।

उन्होंने सरहद में घुसे आतंकियों के खिलाफ जो कुछ भी किया वो उनका फैसला था। मैं और मेरा पूरा परिवार उनके फैसले का सम्मान करता है और पूरे देश को भी यही करना चाहिए। वे हमेशा कहते थे कि ये देश ही उनका परिवार है और इसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी। अपने इसी ध्येय और वीरता को उन्होंने निभाया। मेरी आंखों में उन्हें अपने से दूर जाने का गम नहीं है। मुझे इस बात पर फक्र है कि मैं वीर आशुतोष की पत्नी हूं जिन्होंने देश की खातिर बहादुरी के साथ हंसते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।

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पापा ने कहा था बाद में बात करूंगा
बेटी तमन्ना जयश्री जयपुर के पेडीवाल स्कूल में छठी क्लास की छात्रा हैं। उन्हें भी मालूम था कि पापा से अब दोबारा बात नहीं हो पाएगी। नम आंखों से तमन्ना ने कहा कि एक मई को बात हुई थी तो पापा ने कहा था कि बाद में बात करूंगा..। इसके बाद तमन्ना के पास शब्द नहीं थे और होंठ कांप रहे थे लेकिन चेहरे पर पिता जैसी ही हिम्मत थी।

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28 फरवरी को आखिरी मुलाकात
उनके भाई ने बताया कि आशुतोष को उधमपुर में 28 फरवरी सेना मेडल मिला था। इस दौरान पल्लवी व तमन्ना भी शामिल हुई थी। यही दोनेां की आखिरी मुलाकात थी। इसके बाद एक मई को उनसे पूरे परिवार की फोन पर बात हुई थी।

वो अपना धर्म निभा रहे थे
रात से ही लग रहा था कि कुछ अच्छा नहीं चल रहा है क्योंकि उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। मैं समझ गई थी कि वो किसी ऑपरेशन में हैं।

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मेजर सूद : चार महीने पहले ही हुई थी शादी मेजर अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने ट्वीट किया, अनुज ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह उसकी ड्यूटी और जो उसे प्रशिक्षण दिया गया था, का हिस्सा था। मैं केवल उसकी पत्नी को लेकर दुखी हूं क्योंकि चार महीने पहले ही शादी हुई है।

नायक राजेश कुमार: सात साल पहले फौज में आए
सरदूलगढ़ के गांव राजराणा निवासी राजेश कुमार की शहादत का समाचार सुनते ही गांव में शोक की लहर फैल गई। राजेश 7 साल पहले फौज में भर्ती हुए थे। परिवार में माता-पिता, दो भाई और दो बहनें हैं। पंजाब सरकार परिवार को दस लाख रुपये और सरकारी नौकरी देगी।

लांसनायक दिनेश सिंह : घर के इकलौते चिराग थे भनोली तहसील के मिरगांव निवासी लांसनायक दिनेश सिंह के शहीद होने की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मां तुलसी देवी बेसुध हो गईं तो पिता गोधन सिंह निरूशब्द। दिनेश दो बहनों के इकलौते भाई थे। एक विवाहित बहन का पहले ही निधन हो चुका है।

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सब इंस्पेक्टर काजी : आतंकियों के काल थे
शहीद सब इंस्पेक्टर सगीर अहमद काजी आतंकियों के लिए काल से कम नहीं थे। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंक विरोधी दल एसओजी का अहम हिस्सा रहे। उनको तीन आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिली और वह कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। उनका अपना एक नेटवर्क था।

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