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जयपुर: कानपुर के व्यापारी से एनडीपीएस मामले में 10 लाख की रिश्वत लेते कांस्टेबल गिरफतार, थानाधिकारी फरार

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जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB Jodhpur)की टीम ने सोमवार देर रात श्रीगंगानगर जिले के (Jawahar Nagar police station)जवाहरनगर पुलिसथाना के कांस्टेबल (Police constable)को (Radisson Blu Jaipur) होटल रेडिसन ब्लू में 10 लाख रुपए(10 lakh) की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार किया है। पुलिस कांस्टेबल नरेश चंद मीणा के द्वारा एनडीपीएस एक्ट के मामले में राहत देने के एवज में रिश्वत की राशि ली जा रही थी। इससे पहले कांस्टेबल कारोबारी से 16 लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था। मौके से पुलिसथानाधिकारी फरार हो गया। इनके द्वारा उतरप्रदेश के कानपुर में दवा का व्यापार करने वाले व्यापारी को (NDPS case) मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाकर मांगी रिश्वत थी।

ये है पूरा मामला

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेद्र चौधरी की ट्रेप कार्यवाही के अनुसार हरदीप सिंह (53) पुत्र स्व.उत्तम सिंह, जाति सिख, निवासी 126 लाल क्वार्टर गोविंद नगर, कानपुर थाना गोविंदनगर जिला कानपुर ने 14 अक्टूबर 2020 को परिवाद दिया था।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि राजधानी के टोंक रोड पर स्थित होटल रेडिसन ब्लू में रिश्वत लेते हुए कांस्टेबल नरेशचंद मीणा, जवाहर नगर पुलिसथाना श्रीगंगानगर को पकड़ा है। कांस्टेबल मूलतः करौली जिले के नादौती तहसील में गांव मिलक सराय का रहने वाला है।

आईजी दिनेश एमएन ने बताया कि उत्तरप्रदेश में कानपुर के गोविंद नगर में रहने वाले कारोबारी हरदीप सिंह ने 26 अक्टूबर को एसीबी जोधपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि उसकी और उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा की कानपुर में श्री गुरु तेगबहादुर फार्मा के नाम से दुकान है। श्रीगंगानगर जिले के सदर थाने में 224/20 पर दर्ज एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे की जांच जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सियाग के पास थी। कुछ समय पूर्व ही इसमें नशीली गोलियां पकड़ी गई थी।

हरदीप सिंह का कहना था कि नशीली गोलियों के कारोबार में उनकी फर्म की कोई भूमिका सामने नहीं आने के बावजूद थानाप्रभारी सियाग ने उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा को नोटिस दे दिया। 18 सितंबर को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा व एएसआई सोहनलाल कानपुर में उनकी दुकान पर पहुंचे। वे दोनों पवन कुमार को दवाइयों के संबंध में पूछताछ के लिए एक होटल में ले गए। वहां पवन कुमार अरोड़ा को मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाया। उसे श्रीगंगानगर ले जाने की बात कहते हुए 15 लाख रुपए वसूल कर लिए।

रिश्वत का खेल

पकड़े गए कांस्टेबल नरेशचंद ने बताया कि ढाई-ढाई लाख रुपए वह और एएसआई सोहनलाल आपस में बांटेंगे। इसके अलावा 10 लाख रुपए मुकदमे में जांच अधिकारी राजेश कुमार सियाग को देने को कहा। इसके बाद वे दोनों 15 लाख रुपए लेकर श्रीगंगानगर लौट आए।

हरदीप सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को दोबारा कांस्टेबल नरेशचंद यूपी में पवन अरोड़ा के घर पहुंच गया। उसे बताया कि थानाप्रभारी राजेश सियाग उनके दवाओं की जानकारी से संतुष्ट नहीं है। वे 25 लाख रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। यदि रुपयों का इंतजाम हो जाएगा तो वे उसे छोड़ देंगे। फिर वह एक लाख रुपए लेकर आ गया।

आईजी दिनेश एमएन ने बताया कि 22 अक्टूबर 2020 को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा वापस यूपी पहुंच गया। वहां व्हाट्सएप कॉल से पवन अरोड़ा से बातचीत की। उससे 25 लाख रुपयों की मांग की। तब पवन ने खुद के दिल्ली में होने की बात कही। ऐसे में कांस्टेबल ने पवन को धमकाकर उसका दिल्ली का फ्लाइट टिकट बुक करवाने का दबाव डाला। तब पवन ने कांस्टेबल नरेशचंद के लिए अपने बेटे से ऑनलाइन टिकट बुक करवाया। नरेशचंद रिश्वत की रकम लेने फ्लाइट से दिल्ली पहुंच गया। पवन अरोड़ा ने बताया कि वह कोरोना संक्रमित है। अभी रिश्वत की रकम नहीं दे सकेगा। तब कांस्टेबल ने पवन अरोड़ा से 10 लाख रुपए में सौदा तय किया।

ऐसे आया पकड़ में

जोधपुर एसीबी के प्रभारी एएसपी नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि कांस्टेबल नरेशचंद मीणा ने पवन के चाचा हरदीप सिंह से बातचीत कर 26 अक्टूबर 2020 को रिश्वत की रकम लेकर जयपुर बुलाया। 26 अक्टूबर को हरदीप सिंह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। कांस्टेबल नरेशचंद खुद एक पिकअप लेकर रिश्वत लेकर आए हरदीप सिंह को लेने जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गया, वंहा से दोनों होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे। वहां कांस्टेबल नरेशचंद को हरदीप सिंह ने 10 लाख रुपयों की रिश्वत की राशि सौंपी। तभी इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने कांस्टेबल को रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम ने कांस्टेबल की व्हाट्सएप चेट व अन्य तथ्यों के आधार पर पुलिस इंस्पेक्टर राजेश सियाग को भी आरोपी माना है। एसीबी की भनक लगते ही वह मौके से फरार हो गया।

आरोपी श्रीगंगानगर में पदस्थापित

आरोपी कांस्टेबल श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने में पदस्थापित है। भ्रष्टाचार के इस मामले में श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग की भूमिका भी संदिग्ध है। ब्यूरो की कार्रवाई की भनक लगने के बाद थानाधिकारी सियाग मौके से फरार हो गया। ब्यूरो ने उसे भी इस मामले नामजद कर लिया है।

टीम में ये रहे शामिल

एसीबी जोधपुर टीम के प्रभारी एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह चौधरी, पुलिस इंस्पेक्टर मनीष वैष्णव, हैड कंास्टेबल प्रभुराम, जेठाराम, भूराराम, दलेश कुमार, भागीरथ राम, छैलाराम, ओमप्रकाश, दिलिप कुमार, रुप ंिसह, लालाराम जोधपुर शहर शामल रहे।



source https://hellorajasthan.com/rajasthan/jaipur/acb-arrest-police-constable-of-sriganganagar-in-hotel-radission-blu-in-jaipur-taking-bribe-of-rs-10lakh-677448
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